Kavita Jha

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त्योहारों रीति रिवाजों वाली डायरी# लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता -07-Nov-2022

दीवाली की ही एक और याद साझा कर रही हूँ ।

काश! मैं ऐसा कर पाती (संस्मरण)

दीपावली की ही एक याद जो मुझे हमेशा दुखी कर जाती है कि काश मैंने उस समय ध्यान दिया होता तो वह दुर्घटना होने से बच सकती थी। 
करीब छह साल पहले दीवाली की शाम को हम सब मिलकर अपने छत पर दीए में तेल बाती लगा रहे थे। मैंने अपनी मंझली जयधि को जब देखा उसने नायलोन की टाइट पूरी बाजू की टीशर्ट पहनी है तो मन में खटका हुआ और मैंने उसे एक बार टोका भी कि सूती कपड़े पहन लें , पर उसने मेरी बात नज़र अंदाज कर दी और हँसते हुए बोली, "मैं कोई छोटी बच्ची हूँ काकी।' उस समय वो लॉ के फर्स्ट इयर में थी।

पूजा आरती के बाद वो ऊपर आकर दीए जलाने लगी,माँ और भईया ने कई बार कहा कि प्रसाद खाकर ही यहाँ से जाना। मेरा मन नहीं माना और थोड़ी देर बाद मैं भी उसके पास हाथ में प्रसाद लिए दीए जलाने चली गई। थोड़ी देर बाद नीचे सभी बुलाने लगे, बम पटाखे फोड़ने के लिए वो चली गई और मैं दीए जला ही रही थी कि मन बेचैन होने लगा।दिन भर इतना उत्साहित थी जिन दीयों के लिए उस समय मन ही नहीं लग रहा था। मैं भी नीचे आ गई तो देखा टीन के ड्राम में आग जल रही थी, मेरे पति अकेले ही टहल रहे थे, उन्हें इस तरह दीवाली में अकेले देखकर थोड़ी बेचैनी हुई। 

जब आंँगन में आई तब देखा बिटिया खूब रो रही है और सभी उसके आस पास बैठे थे, और उसको चुप करा रहे थे। उसके हाथ में अनार बम फूट गया था जिससे उसकी नायलॉन कपड़े वाली बाजू उसके हाथ से चिपक गई थी जो निकल ही नहीं पा रही थी। 

थोड़ी देर बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। फिर किसी के कहने पर दवाईयां बंद करा कर देसी इलाज शुरू हुआ जो मुझे बिल्कुल नहीं जच रहा था, मुर्गी के पंख से एक विशेष प्रकार का तेल जिसे क्रंच का तेल कहते हैं यहाँ झारखंड में जिससे दीवाली में हम दीए जलाते हैं जले हुए हिस्से में लगाया जाता था।

कई  बार पढ़े लिखे लोग भी बेवकूफी कर जाते हैं,बस वही मेरी जयधि के साथ हुआ जिसका खामियाजा उसे कई साल भुगतना पड़ा।
मुझे कई बार लगता है कि मुझे उस समय आवाज उठानी चाहिए थी। दीवाली वाले दिन ही बिटिया को कपड़े बदलवा देने चाहिए थे, उसके साथ ही नीचे आ जाना चाहिए था।उसका वो देसी इलाज करवाने से रोकना चाहिए था।आज इतने सालो बाद भी उसके हाथ की चमड़ी ठीक नहीं हुई है।

कविता झा'काव्या कवि'
रांची झारखंड
# लेखनी त्योहार धारावाहिक प्रतियोगिता 

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8 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 05:24 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Mithi . S

08-Nov-2022 08:28 PM

Very nice

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shweta soni

08-Nov-2022 04:13 PM

बहुत सुंदर

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